बहु लोकप्रिय पुस्तक 'हियर योरसेल्फ' के कोरियाई संस्करण का विमोचन 10 अक्टूबर, 2024 को डेडोंग फील्ड पब्लिशिंग की प्रकाशक श्रीमती किम द्वारा आयोजित एक लेखकिय कार्यक्रम में हुआ।
इस पुस्तक के लेखक और प्रसिद्ध शांति शिक्षक श्री प्रेम रावत जी ने कई सवालों के जवाब दिए और बड़े उत्साह से चर्चा करते हुए सकारात्मक बदलाव लाने के लिए आत्म-जागरूकता की क्षमता पर प्रकाश डाला।
सम्मानित सेवानिवृत्त और प्रतिष्ठित आचार्य श्रीमती किम ने श्री प्रेम रावत जी के साथ साक्षात्कार में दक्षिण कोरिया सहित अन्य देशों में उपस्थित विभिन्न चुनौतियों, जैसे कि निराशा, उदासीनता, अलगाव, और रूढ़िवादिता पर चर्चा की। दक्षिण कोरियाई जेलों में श्री प्रेम रावत जी के शांति शिक्षा कार्यक्रम की आरंभ के पश्चात, श्रीमती किम ने इस कार्यक्रम में सहभागी कैदियों पर होने वाले मनोवैज्ञानिक प्रभावों के राजकीय आंकड़े प्राप्त होने की संभावना व्यक्त की।
बहु लोकप्रिय पुस्तक 'हियर योरसेल्फ' के कोरियाई संस्करण का विमोचन 10 अक्टूबर, 2024 को डेडोंग फील्ड पब्लिशिंग की प्रकाशक श्रीमती किम द्वारा आयोजित एक लेखकिय कार्यक्रम में हुआ।
इस पुस्तक के लेखक और प्रसिद्ध शांति शिक्षक श्री प्रेम रावत जी ने कई सवालों के जवाब दिए और बड़े उत्साह से चर्चा करते हुए सकारात्मक बदलाव लाने के लिए आत्म-जागरूकता की क्षमता पर प्रकाश डाला।
सम्मानित सेवानिवृत्त और प्रतिष्ठित आचार्य श्रीमती किम ने श्री प्रेम रावत जी के साथ साक्षात्कार में दक्षिण कोरिया सहित अन्य देशों में उपस्थित विभिन्न चुनौतियों, जैसे कि निराशा, उदासीनता, अलगाव, और रूढ़िवादिता पर चर्चा की। दक्षिण कोरियाई जेलों में श्री प्रेम रावत जी के शांति शिक्षा कार्यक्रम की आरंभ के पश्चात, श्रीमती किम ने इस कार्यक्रम में सहभागी कैदियों पर होने वाले मनोवैज्ञानिक प्रभावों के राजकीय आंकड़े प्राप्त होने की संभावना व्यक्त की।
(होस्ट भाग्यश्री) स्वयं की आवाज़ सिर्फ स्वयं के लिए नहीं, पर लोगों का भी दृष्टिकोण बदल सकती है। जब हम असली में अपनी आवाज़, अपने चेतना जगाएं। तो चेतना तो अन्दरूनी बात होती है। मतलब लोग मैडिटेशन भी करते हैं, कहीं हिमालय में जाकर बैठ जाते हैं, समाधी लेते हैं। तो अंदर की चेतना एक इंसान कैसे जगाए ?
(प्रेम रावत) ये तो हम...देखिये, हर एक चीज़ कर ट्रेंड होता है, फैशन बन जाता है। लोग कहते हैं, "अजी, मैडिटेशन का ट्रेंड बन गया।" बैठे हुए हैं... कबीर दास जी ने क्या कहा?
"मन तो कहीं और दिया, तन साधुन के संग, कहैं कबीर कोरी गजी, कैसे लागै रंग?" हैं ? "मेरेको किस, किसकी SMS आई है ?" मन तो है SMS में। मन तो है इन चीज़ों में।
"मन के बहुत तरंग हैं, छीन-छीन बदले सोय, एकै रंग में जो रहे, ऐसा बिरला कोय?" एक ही रंग में जो रह सकता है। बदलते रहते हैं। और मनुष्य हैं, वो लगे रहते हैं।
असली बात तो ये है कि आपके अंदर एक फैशन है। उस फैशन को कहते हैं "ज़िन्दगी", उस फैशन को कहते हैं "जीना", और वो है प्रकृति का सबसे बढ़िया फैशन। और वो फैशन चल रहा है। उस फैशन को अपनाओ अपने जीवन को सफल बनाओ। सिर्फ फार्मूला से नहीं, हृदय से।
प्यार कैसे होता है? ह्रदय से होता है। वैसे तो वो कह सकता है, "मैंने उसको अंगूठी दे दी, मैंने उसको घड़ी दे दी, मने उसको टाई दे दी, मैंने उसको चॉकलेट दे दिए, मैंने... मेरेको उससे प्यार है!"
(भाग्यश्री) ये नया किस्म का प्यार है न ?
(प्रेम रावत) हाँ, यही है दुनियाँ का प्यार। चॉकलेट दे दो, ये कर दो, वो कर दो, परन्तु इससे कुछ नहीं होना है। प्यार होता है, ह्रदय से। वो असली प्यार है, वो सच्चा प्यार है।
वो सच्चा प्यार है। और सच्चा प्यार परमानेंट नहीं, जब तक है, तब तक है। प्यार में जबरदस्ती नहीं होती है।
अब लोग लिखते हैं न, हमको चिट्ठी लिखते हैं। किसी ने लिखा कि, "उससे मेरेको प्यार था,और वो छोड़ कर किसी और लड़की के पास चले गया।" नहीं था। नहीं था, इसी लिए चले गया।
तुम अपने जीवन के अंदर उसको समझो कि असली प्यार क्या होता है। असली मुहब्बत क्या होती है। किसके साथ करोगे असली मुहब्बत? एक है, जो तुमको छोड़ने के लिए तैयार नहीं है।
आखरी दम तक तुमको नहीं छोड़ेगा। तो अगर मुहब्बत करनी है, तो ऐसे से मुहब्बत करो। ऐसे से मुहब्बत करो। ये है असली मुहब्बत।
अमारू 2024 का प्रारंभिक सत्र सोमवार, 9 सितंबर को ऑस्ट्रेलिया के आइवरीज़ रॉक के एम्फीथिएटर में हुआ, जहाँ श्री प्रेम रावत जी ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित और सीधे प्रसारण द्वारा जुड़े दर्शको का स्वागत किया।
सत्र के दौरान "लोग क्यों मरते हैं?" जैसे प्रमुख प्रश्नों को संबोधित करते हुए , उन्होंने जीवन के बारे में गलत धारणाओं को स्पष्ट किया और चुनौतियों के बीच अपने अस्तित्व पर ध्यान देने के महत्व पर ज़ोर दिया।
पाँच दिवसीय सम्मेलन का प्रारंभिक सत्र अब उपलब्ध है।
अमारू 2024 का प्रारंभिक सत्र सोमवार, 9 सितंबर को ऑस्ट्रेलिया के आइवरीज़ रॉक के एम्फीथिएटर में हुआ, जहाँ श्री प्रेम रावत जी ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित और सीधे प्रसारण द्वारा जुड़े दर्शको का स्वागत किया।
सत्र के दौरान "लोग क्यों मरते हैं?" जैसे प्रमुख प्रश्नों को संबोधित करते हुए , उन्होंने जीवन के बारे में गलत धारणाओं को स्पष्ट किया और चुनौतियों के बीच अपने अस्तित्व पर ध्यान देने के महत्व पर ज़ोर दिया।
पाँच दिवसीय सम्मेलन का प्रारंभिक सत्र अब उपलब्ध है।
25 अगस्त, 2024 को फिजी के नांदी में लाइव श्रोताओं को संबोधित करते हुए, श्री प्रेम रावत जी ने अपने अनुभव और कुछ कहानियाँ साझा करते चर्चा की कि वास्तव में एक मनुष्य को क्या संतुष्ट करता है और आज की दुनिया में इसे कैसे प्राथमिकता दी जाए।
यह संबोधन, रेडियो और टीवी प्रस्तुता एरिका गौनावौ द्वारा उनके साक्षात्कार (इंटरव्यू) के साथ, अब क्लासिक और प्रीमियर सदस्यों के लिए उपलब्ध है। सुविधानुसार आनंद लें।
आपकी टाइमलेस टुडे की सदस्यता - प्रीमियर (वीडियो) या क्लासिक (ऑडियो) - के साथ आपको श्री प्रेम रावत जी की सभी प्रीमियम विषयवस्तु प्रविष्टि प्राप्त होगी, जिसमें सीधे प्रसारण, पुनः प्रसारण, लोकप्रिय श्रृंखला और बहुभाषी सामग्री शामिल है।